नए एलपीजी सिलेंडर रेट्स 2025: जानिए पूरी जानकारी
2025 में रसोई गैस यानी एलपीजी सिलेंडर के दामों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। आम आदमी की रसोई से सीधा जुड़ा यह बदलाव हर परिवार को प्रभावित करता है। बढ़ती महंगाई के बीच सरकार की सब्सिडी पॉलिसी, अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के भाव और टैक्स के कारण एलपीजी के नए रेट्स में फेरबदल हुआ है। आइए जानते हैं 2025 के ताजा एलपीजी सिलेंडर रेट्स, सब्सिडी की स्थिति, नए बदलाव और आम जनता पर इसका असर
एलपीजी सिलेंडर रेट्स में क्या बदलाव हुए हैं
जनवरी 2025 से एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में औसतन 50 से 100 रुपये तक की बढ़ोतरी देखी गई है। महानगरों में 14.2 किलो के घरेलू सिलेंडर की कीमत दिल्ली में करीब 1150 रुपये, मुंबई में 1125 रुपये, कोलकाता में 1170 रुपये और चेन्नई में 1160 रुपये तक पहुंच गई है। पिछली बार अगस्त 2024 में दामों में कटौती हुई थी लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के बढ़ते दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट के चलते दाम फिर बढ़ गए हैं
कमर्शियल सिलेंडर के रेट्स
सिर्फ घरेलू नहीं, बल्कि कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के रेट्स भी बढ़े हैं। 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 2100 रुपये से बढ़कर 2250 रुपये हो गई है। होटल, ढाबा और रेस्टोरेंट सेक्टर को इससे ज्यादा असर होगा क्योंकि उनका मासिक खर्च सीधे बढ़ जाएगा
क्या सब्सिडी अभी भी मिल रही है
एक वक्त था जब हर परिवार को घरेलू एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी मिलती थी लेकिन अब यह सीमित हो गई है। 2025 में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को औसतन 200 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी दी जा रही है। बाकी आम उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी लगभग बंद ही हो चुकी है। सरकार का कहना है कि धीरे-धीरे सब्सिडी खत्म कर दी जाएगी ताकि वित्तीय बोझ कम हो सके
सरकार की नई नीति
2025 में सरकार ने साफ किया है कि कच्चे तेल के दाम और डॉलर के उतार-चढ़ाव के हिसाब से एलपीजी सिलेंडर की कीमतें हर महीने रिव्यू की जाएंगी। यानी हर महीने नई कीमतें लागू होंगी। इस फैसले से पारदर्शिता तो बढ़ी है लेकिन आम जनता को हर महीने नए रेट्स की चिंता बनी रहती है
आम जनता पर असर
बढ़ती एलपीजी कीमतों का सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ता है। मध्यमवर्गीय और निम्नवर्गीय परिवारों के मासिक बजट में गैस सिलेंडर का बड़ा हिस्सा रहता है। जैसे ही कीमतें बढ़ती हैं, खाने-पीने की लागत पर भी फर्क पड़ता है क्योंकि होटल-ढाबे भी दाम बढ़ा देते हैं
राज्यों में अलग-अलग रेट्स क्यों
भारत में एलपीजी सिलेंडर के दामों में राज्यवार अंतर रहता है। इसका कारण है टैक्स स्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान जैसे राज्यों में ढुलाई खर्च ज्यादा होने से रेट्स दिल्ली-मुंबई के मुकाबले कुछ रुपये ज्यादा होते हैं। वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों में सरकार कुछ रियायतें देती है जिससे वहां के उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिलती है
कैसे चेक करें नए रेट्स
अब गैस सिलेंडर के नए रेट्स जानना बहुत आसान हो गया है। हर गैस कंपनी जैसे इंडेन, भारत गैस और एचपी गैस की वेबसाइट पर या मोबाइल ऐप से आप अपने इलाके के ताजा रेट्स देख सकते हैं। इसके अलावा एसएमएस और व्हाट्सऐप अलर्ट की सुविधा भी दी जा रही है जिससे उपभोक्ताओं को हर बदलाव की जानकारी मिल जाती है
क्या विकल्प हैं एलपीजी के
बढ़ते दामों के बीच लोग विकल्पों की तलाश में हैं। शहरों में पाइप्ड नेचुरल गैस यानी पीएनजी का चलन तेजी से बढ़ा है। कई जगहों पर पीएनजी एलपीजी से सस्ता पड़ रहा है। इसके अलावा सोलर कुकर, बायोगैस और इंडक्शन कुकिंग जैसे विकल्पों पर भी लोग विचार कर रहे हैं। सरकार भी स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नए प्रोजेक्ट चला रही है
कैसे बचाएं खर्च
अगर आप एलपीजी सिलेंडर के बढ़ते रेट्स से परेशान हैं तो कुछ स्मार्ट तरीके अपनाकर गैस की खपत घटा सकते हैं। हमेशा ढक्कन लगाकर खाना पकाएं जिससे गैस कम लगेगी। सही साइज के बर्तन और प्रेशर कुकर का इस्तेमाल करें। सिलेंडर से गैस लीकेज न हो, इसके लिए रेगुलेटर और पाइप की जांच कराएं। इन छोटी-छोटी बातों से हर महीने 5 से 10% गैस की बचत हो सकती है
उज्ज्वला योजना का हाल
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त कनेक्शन दिया गया था। 2025 में भी इस योजना के तहत नए लाभार्थियों को जोड़ा जा रहा है। सरकार ने 2025 के बजट में उज्ज्वला के लिए 8000 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। इसका मकसद है कि गरीब परिवारों को रसोई गैस की सुविधा मिले और वे लकड़ी या कोयले का इस्तेमाल छोड़ें
गैस एजेंसियों का रोल
गैस एजेंसियों की भूमिका भी बढ़ी है। अब डिजिटल पेमेंट, ऑनलाइन बुकिंग और क्यूआर कोड से डिलीवरी का ट्रैक रखना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे फर्जीवाड़ा कम हुआ है और उपभोक्ताओं को पारदर्शिता मिली है। कई जगहों पर एजेंसी होम डिलीवरी चार्ज भी अलग से ले रही हैं जिससे कुल खर्च थोड़ा और बढ़ जाता है
उपभोक्ता क्या चाहते हैं
आम उपभोक्ता चाहते हैं कि सरकार एलपीजी सिलेंडर को जीएसटी के दायरे में लाए ताकि टैक्स का बोझ कम हो। इसके अलावा स्थायी सब्सिडी या डायरेक्ट कैश ट्रांसफर की मांग भी उठ रही है ताकि गरीब परिवारों को राहत मिले। सरकार की तरफ से अभी कोई बड़ा ऐलान नहीं हुआ है लेकिन बजट सत्र में नई घोषणाएं संभव हैं
निष्कर्ष
2025 में एलपीजी सिलेंडर के बढ़ते रेट्स हर परिवार के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। सरकार को चाहिए कि जरूरतमंदों को सब्सिडी की सुविधा जारी रखे और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दे ताकि लोगों को राहत मिल सके। आने वाले महीनों में अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम, डॉलर का रेट और सरकार की नीतियां तय करेंगी कि आगे एलपीजी सस्ता होगा या महंगा। तब तक जरूरी है कि उपभोक्ता स्मार्ट तरीके से गैस का इस्तेमाल करें और हर महीने के बदलाव पर नजर रखें